कविताओं में दिलो-दिमाग को सुकून देने की एक अलग ही ताकत होती है। जब हमने अवलीन आनंद से उनके अनुभव के बारे में पूछा, तो उन्होंने शेयर की गुलजार की लिखी ये नज्म
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अवलीन आनंद के साथ सुनिए ‘हाथ बढ़ा ऐ जिंदगी, आंख मिलाकर बात कर’
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