दुनिया से रुखसत होने के 150 साल बाद भी जो हमारे बीच हर वक्त उठते-बैठते हैं, जिनके शेर और शायरी पढ़े बिना शेरो-शायरी की महफिल अधूरी है, वो मिर्जा गालिब सिर्फ फलसफे नहीं कहते थे, उन्होंने जिंदगी की फिलॉसफी को बहुत आसान शब्दों में समझाया है।
मिर्जा ग़ालिब के ये शेर दिखाते हैं जिंदगी के हर ग़म को पीछे का रास्ता
जिंदगी की कितनी ही मुश्किलों के हल शायरी में छिपे हैं, हम इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते। हां, ये बात महसूस जरूर कर सकते हैं कि दिल को छूते हुए जो शब्द जब गहराई से जेहन में कैद हो जाते हैं, तो एक अजीब सा सुकून मिलता है। यूं लगता है जैसे मंजिल को रास्ता मिल गया हो। मिर्जा गालिब की शायरी इन मायनों में काफी खास है। वो हर लम्हा जिंदगी पर तंज करते हैं और हर उस लम्हे को जिंदगी का तिमारदार बना देते हैं। उनकी ऐसी ही चुनी हुई कुछ शायरी जो आपकी जिंदगी के रंजो-ग़म को कुछ कम करती नजर आती है पेश है-
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